Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के नक्सल मोर्चे पर तैनात कोबरा-210 बटालियन का जवान पहाड़ी नाले में बह गया, जिसका शव बरामद किया गया. घंटों की मशक्कत के बाद शुक्रवार देर शाम जवान का शव और हथियार बरामद कर लिया गया।
छत्तीसगढ़ के नक्सल मोर्चे पर तैनात कोबरा-210 बटालियन का जवान पहाड़ी नाले में बह गया, जिसका शव बरामद किया गया. घंटों की मशक्कत के बाद शुक्रवार देर शाम जवान का शव और हथियार बरामद कर लिया गया। घटना सुकमा-बीजापुर सीमा पर हुई। एसपी अंजनेय वैष्णव ने बताया कि जवान के नाले में बहने की सूचना पर अतिरिक्त बल भेजकर तलाशी शुरू की गयी. जवान का नाम सूरज आर. (Suraj R.) है जो केरल का रहने वाला था. जवान के शव को पीएम (Postmortem) के बाद उनके गृह राज्य भेजा जाएगा.
बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर सिलगर क्षेत्र में स्थापित मुकुर-तर्रेम कैंप से गुरुवार को कोबरा 210 जवान नक्सल विरोधी अभियान पर निकले. जवान शुक्रवार को तलाशी लेकर लौट रहे थे। गुरुवार की रात हुई तेज बारिश के कारण नदी व नाले उफान पर हैं. सिलगर के पास एक पहाड़ी नाले को पार करते समय, एक जवान अपना संतुलन खो बैठा और उफनते हुई नाले में बह गया। साथी जवान कुछ समझ पाते, तब तक वह जवान दूर तक बह गया था। जवानों ने उसकी तलाश शुरू कर दी। मुख्यालय पर सूचना दी गई, जिसके बाद अतिरिक्त बल भेजे गए। स्थानीय ग्रामीणों की मदद से 12 से 14 घंटे की मशक्कत के बाद जवान सूरज आर. (Suraj R.) का शव और हथियार बरामद किया गया।
सैनिक उफनती नदियों और नालों को पार करते हैं
बस्तर में लाल आतंक पर लगाम लगाने के लिए 60 हजार से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया था. सैनिकों का अधिकांश समय जंगलों में तलाशी में व्यतीत होता है। उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बारिश में जवानों की चुनौती दोगुनी हो जाती है. बस्तर के भीतरी इलाकों में सैकड़ों छोटी-बड़ी नदी नालियां हैं, जो बारिश में पूरी तरह उफान पर हैं. तलाशी के दौरान जवानों को अपनी जान जोखिम में डालकर कई ऐसी उफनती नदियों और नालों को पार करना पड़ता है. बस्तर संभाग के माओवाद प्रभावित इलाकों में मानसून के दौरान भी नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है.